
*शाहगंज बाजार में चहुंओर गंदगी और जनसमस्याओं का लगा अंबार **
*शाहगंज बाजार में चहुंओर गंदगी और जनसमस्याओं का लगा अंबार **
*खंड विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत सचिव की ढुलमुल रवैया बना परेशानी का सबब*
सोनभद्र (विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)
शाहगंज / स्थनीय प्राचीन बाजार में जन समस्याओं का कोई पुरुसाहाल नहीं है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, सम्बंधित अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ग्राम प्रधानों की उदासीनता एवं अनदेखी के चलते शाहगंज प्राचीन बाजार से जुड़ा बेलाटाड़ व ओड़हथा में जनसमस्याओं का अंबार लगा हुआ है। मालूम हो कि इन दिनों शारदीय नवरात्र का महापर्व चल रहा है इसके बाद दशहरा एवं दीपावली है। सड़क की दोनों पटरियों पर सभी जगह बजबजाते गंदे पानी का जमावड़ा एवं कूडे़ का ढेर राहगीरों के लिए कष्ट कारी एवं रहवासियों के लिए संक्रामक बीमारियों का कारण बना हुआ है। यहां नाली के अभाव में बरसात व घरेलू उपयोग में लाने वाले पानी का निकासी नहीं हो पाता जिसके कारण सड़क की दोनों पटरियों पर हमेशा जल जमाव बना रहता है।साफ -सफाई के अभाव में चहुंओर गंदगी और कूड़ो का ढेर लगा हुआ है। मंदिर हो, मस्जिद हो,या स्कूल -कालेज हो, अस्पताल हों या सरकारी गैर सरकारी कोई भी सार्वजनिक स्थल हो उसके आसपास एवं सामने चहुंओर गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। मालूम हो कि गत १७ सितम्बर को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस पर तहसील प्रशासन के मुखिया नवागत उपजिलाधिकारी आशीष कुमार तिवारी के नेतृत्व में श्री संकटमोचन मंदिर तिराहे के आस पास सामूहिक सफाई कर्मचारियों से साफ -सफाई करवाया गया था, जिसमें बैनर के सामने फोटो खिंचवाने के लिए खण्ड विकास अधिकारी नितिन कुमार, सहायक खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान अवश्य दिखे थे, किन्तु उसके बाद से अब तक न कोई सफाई कर्मचारी दिखाई दे रहा है ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका। जबकि इस संदर्भ में कई बार लिखित एवं मौखिक रूप में खण्ड विकास अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन यहां तक कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ख़ास कर खण्ड विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत सचिव के ऊपर कोई असर नहीं पड़ रहा है सिर्फ खानापूर्ति कर शासन -प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है। इतना ही नहीं कुछ कद्दावर नेता भी इन्हीं मार्गो से होते हुए प्रतिदिन आना जाना लगा रहता है बावजूद इसके
तमाम स्वच्छता अभियान पर सवालिया निशान पैदा होना समझ से परे है, और ऐसे तथाकथित नेता विकास के बड़े-बड़े एजेंडे की बात करते हुए आम जनमानस को गुमराह भी कर रहे हैं क्या यही है डबल इंजन सरकार के विकास की उपलब्धि?ऐसे में जनकल्याणकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है।इन परिस्थितियों में क्षेत्रीय नागरिकों ने शासन -प्रशासन के उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जनहित में त्वरित निराकरण कराने की मांग किया गया है।