
घोरावल क्षेत्र में एक युवक ने ऑटोमेटिक प्रेशर इंजन का आविष्कार कर रचा इतिहास
घोरावल क्षेत्र में एक युवक ने ऑटोमेटिक प्रेशर इंजन का आविष्कार कर रचा इतिहास
सोनभद्र (विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)
भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है समय-समय पर इस बात का लोहा भारत के लोग मानवता रहे हैं जहां बेहतर शिक्षा और उच्च तकनीकी ज्ञान न होने के बावजूद कुछ ऐसे आविष्कारों को करके दिखाया गया है जो पूरी दुनिया के लिए अनोखा हो जाता है ऐसा ही एक मामला देखने को मिला जहां जनपद सोनभद्र के छोटे से गांव के एक व्यक्ति ने एक ऐसे इंजन का आविष्कार कर दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है जिसे देखने के लिए कई गांव से लोग युवक के घर पर पहुंच रहे हैं।जानकारी के अनुसार ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐसे इंजन का आविष्कार किया गया है जो कि ना तो डीजल से चलता है ना पेट्रोल ,गैस, बैटरी ,सोलर ऊर्जा, बल्कि यह अपने तरीके का एक अनोखा इंजन है जो एक प्रकार के प्रेशर को जनरेट करके कार्य करता है इंजन निर्माता की माने तो इस इंजन को चलाने में किसी भी प्रकार की बाहरी ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती साथ-साथ युवक का दावा है कि इस इंजन से कोई भी कार्य किया जा सकता है जैसे ट्रेन बस ट्रक पानी का जहाज ट्रैक्टर इत्यादि को 24 घंटे विद्युत देने में यह इंजन सक्षम है। व्यक्ति ने दावा करते हुए कहा कि इस इंजन में 15 साल में सिर्फ एक बार मोबील या पानी डाला जाएगा इस इंजन से कोई प्रदूषण नहीं होता है इस इंजन को जेम्स वांट के द्वारा किया गया बाप के आविष्कार के बाद बाहर से चलने वाला इंजन का आविष्कार किया हुआ है। युवक ने दावा किया है कि इस तरीके का आविष्कार पूरी दुनिया में अपनी तरह का एकलौता है। सोनभद्र के लोहंडी गांव में इस अविष्कार से पूरे प्रदेश में चर्चा बनी हुई है आविष्कारक ओमप्रकाश मौर्य और उनके पुत्र सतीश कुमार मौर्य की खूब प्रशंसा हो रही है। वही मामले की सूचना पर स्थानीय पूर्व विधायक सहित गांव के अन्य लोग भी पहुंच रहे हैं लोगों का कहना है कि अगर यह आविष्कार सफल रहा तो यह ऊर्जा के क्षेत्र में मिल का पत्थर साबित होगा और ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों पर भारत की निर्भरता को खत्म कर सकता है।