
*उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद इसके बेदखल कर सार्वजनिक निर्माण पर आमादा है ग्राम प्रधान*
*उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद इसके बेदखल कर सार्वजनिक निर्माण पर आमादा है ग्राम प्रधान*
•~ बेदखल कर अनाज गोदाम और सामुदायिक शौचालय निर्माण किए जाने से पीड़ित परिवार काफी चिंतित, परेशानहाल,भयभीत
•~ पीड़ित ने डीएम,एसडीएम, थानाध्यक्ष चोपन तथा बीडीओ चोपन को प्रार्थना पत्र सौप लगायी न्याय की गुहार
*अवधेश कुमार गुप्ता*
गुरमा,सोनभद्र। चोपन विकासखंड के ग्राम पंचायत पटवध स्थित अमिला मोड़ के समीप बीते26 वर्षों से मकान में दुकान खोलकर निवास कर रहे व्यक्ति को माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद भी रंजिशन, जबरिया,गुंडई के बल पर साजिश के तहत बेदखल कर अनाज गोदाम और सामुदायिक शौचालय निर्माण किए जाने से पीड़ित परिवार काफी चिंतित परेशान हाल भयभीत है।
इस संबंध में जिलाधिकारी सोनभद्र,उप जिलाधिकारी सोनभद्र, खंड विकास अधिकारी चोपन समेत अन्य संबंधित उच्चाधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में चोपन विकासखंड के ग्राम पंचायत पटवध निवासी पीड़ित सिकंदर शाह पुत्र स्वर्गीय फूल शाह ने कहा है कि आ०नं0- 422 घमी रकबा 0.01.30 हे0 स्थित मौजा पटवध, परगना अगोरी, तहसील ओबरा, जिला सोनभद्र में अपना घर मकान बनाकर लम्बी अवधि से काबिज दाखिल होकर आबाद है। उपरोक्त जमीन न्यायालय उपजिलाधिकारी, राबर्ट्सगंज, सोनभद्र से मु०ना- टी20161636014877 सन्- 2016 अंतर्गत धारा- 67क उ0प्र0 राजस्व संहिता, 2006 रिपोर्ट लेखपाल बनाम् सिकन्दर शाह के मुदकमा के जरिये फैसला दिनांक- 28.07.2016 को प्रार्थी के पक्ष में बन्दोबस्त किया गया है। उक्त आबादी की जमीन पार्थी के लगातार कब्जा दखल में है। किसी भी दीगर व्यक्ति से उक्त जमीन का कोई वास्ता भी वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी के गांव के कुछ दबंग व सरहंग व्यक्ति प्रार्थी को बिना किसी कारण के हैरान व परेशान कर रहे हैं और गांव के कुछ लोगों के इशारे पर ग्राम प्रधान राजेन्द्र प्रसाद उक्त जमीन में अनाज बांटने वाला गोदाम व शौचालय (सामुदायिक शौचालय) बनवाने के फिराक में हैं और लगातार धमकी दे रहे हैं। उक्त जमीन के बाबत् मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद से सिविल प्रकीर्ण रिर्ट याचिका सं0-2513 सन्- 2025 सिकन्दर शाह बनाम् उ0प्र0 सरकार व चार अन्य में दिनांक 27.01.2025 को स्थगन आदेश पारित है। उक्त स्थगन आदेश की जानकारी ग्राम प्रधान को दिया, किन्तु वह बात नहीं मान रहे हैं और न ही मा. न्यायालय के आदेश को ही मान रहे हैं। ग्राम प्रधान रंजिशवश जमीन में उपरोक्त निर्माण कार्य कराने पर आमादा हैं। प्रार्थना पत्र भूखण्ड सं0 422घ स्थित ग्राम-पटवध, परगना अगोरी, तहसील-ओबरा, जिला सोनभद्र के रकबा 0.013 हे० पर प्रार्थी का घर मकान सन् 2001 से स्थित है। जिस पर सन् 2006 में आबादी सेटलमेन्ट किये जाने का आदेश धारा 67क उ०प्र०रा०सं० के तहत दिया गया। जिसे उमेर खाँ की शिकायत दिनांक 28.07.2016 पर पारित निरस्त किये जाने का आदेश 28.07.2016 को किया गया था।
उक्त आदेश के विरूद्ध प्रार्थी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष रिट सं0 2513 सन् 2023 सिकन्दर शाह बनाम राज्य सरकार व अन्य प्रस्तुत किया गया। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 27.01.2025 निम्न आदेश पारित किया गया।
Till the neat date of lishing, statusquo as eristing todey shall be, maintained by the parties
स्वीकृत रूप से बाद सन्दर्भित भूखण्ड सं0 422 घ उपरोक्त रकबा 0. 0130 हे0 में प्रार्थी का घर मकान स्थित है। जो उभय पक्ष को भली भाति मालुम है। फिर भी अजराम जबरदस्ती ग्राम प्रधान एवं सचिव मिलकर वहाँ गिट्टी बालू बोल्डर आदि गिराकर ठीकेदार के माध्यम से प्रार्थी का मकान गिराक ग्राम सभा की दुकान निर्माण करना चाहते है। जिसके लिये विपक्षी प्रयत्नशील है। जबकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सिविल रिट सं० 2513 सन् 2025 में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 27.01.2025 के अनुपालानार्थ निर्देश ग्राम पंचायत अध्यक्ष व खण्ड विकास अधिकारी चोपन तथा सचिव को दिया जाये।
उन्होंने यह भी कहा है कि यदि ग्राम प्रधान ऐसा करने में कामयाब हो गये तो इससे अपूर्णनीय क्षति होगी। ऐसी स्थिति में मा० उच्च न्यायालय के उपरोक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए प्रार्थी की उक्त जमीन में ग्राम प्रधान द्वारा किसी भी प्रकार का निर्माण किये जाने से रोका जाना जाना न्यायहित में अति आवश्यक है। उन्होंने न्याय की गुहार लगायी है।











