
*लायंस क्लब सहेली ने कारागार में अधिकारियों-कर्मचारियों समेत बंदियों को बांधी राखी*
*लायंस क्लब सहेली ने कारागार में अधिकारियों-कर्मचारियों समेत बंदियों को बांधी राखी*
•- रक्षा-सूत्र बांध मुंह मीठा कराते हुए दीर्घायु होने की, की कामना
•- भावुक हो,महसूस कर रहे हैं सौभाग्यशाली
गुरमा, सोनभद्र (अवधेश कुमार गुप्ता)
शाहजहांपुर जेल में लाइंस क्लब सहेली के पदाधिकारियों के द्वारा रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर समस्त अधिकारियों- कर्मचारियों एवं बंदियों को भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की प्रतीक राखी बांध, सबका मुंह मीठा कराते हुए सभी के दीर्घायु होने की कामना की। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजीलाल के द्वारा सभी पदाधिकारीयों का स्वागत किया एवं आभार प्रकट किया। उनके द्वारा बताया गया के सभी जेल के अधिकारी और कर्मचारियों को किसी भी त्यौहार पर अवकाश नहीं मिलता है और उन्हें सभी त्योहार अपने घर से दूर ही मनाने पड़ते हैं। इस तरह रक्षाबंधन का त्यौहार भी वह अपने घर जाकर या बहन के यहां जाकर नहीं मना पाते हैं और उनकी बहनें रक्षा- सूत्र बांधने से वंचित रह जाती हैं कुछेक बहनें डाक से राखी जरूर भेज देती हैं। उसी प्रकार बंदी भी जेल में बंद होने के कारण अपनी बहन घर या बहनों के यहां जाकर राखी नहीं बधवा पाते हैं और त्यौहार नहीं मना पाते हैं। लेकिन लायंस क्लब सहेली के पदाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों- कर्मचारियों एवं बंदियों की बहनें बनकर कारागार पर पधारी और सभी को रक्षा-सूत्र बांधकर मुंह मीठा कराया जिससे उन्हें बहन द्वारा राखी बांधने की कमी पूरी की। सभी अधिकारी कर्मचारी एवं बंदी अपने को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं कि उन्हें बहनों के द्वारा राखी बांधकर उनका मुंह मीठा कराया।
इस अवसर पर एक बात उल्लेखनीय रही कि कुछ मुस्लिम एवं सिख समुदाय के बंदियों के द्वारा भी राखी बंधवाई गयी। अनेकानेक बंदियों के द्वारा लायंस क्लब सहेली के पदाधिकारियों को बहन के रूप में स्वीकार करते हुए उनके पैर छुए इस अवसर पर संगठन के पदाधिकारी एवं बंदी भावुक हो उठे।
लायंस क्लब सहेली की डायरेक्टर श्रीमती ज्योति गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि जब से जेल अधीक्षक मिजाजी लाल इस जनपद में आए हैं, तब से जेल का वातावरण ही पूरी तरह बदल गया है ।पूरे जनपद में चारों तरफ उनकी प्रशंसा हो रही है ।जेल में सभी स्वयं सेवी संस्थाएं उनके आने के बाद से बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। सभी बंदी उनके
गुणगान करते नहीं थकते। उनके व्यवहार की वजह से ही जनपद के स्वयंसेवी संगठन जेल से इतनी जुड़ गए हैं और समय-समय पर अनेक अनेक कार्यक्रम आयोजित कराते रहते हैं। हमारा सौभाग्य है कि हम सभी जेल अधिकारियों कर्मचारियों और बंदियों के बहन बनकर राखी बांध रहे हैं।