
गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा के आयोजन के प्रथम दिन यज्ञों की महिमा मण्डन का किया गया वर्णन।
पृथ्वी पर मनुष्य सिर्फ मानव जाति रूप आता है-आचार्य गौरीश पांडेय
करमा,सोनभद्र (सेराज अहमद )
अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में कसया कला गांव स्थित जे एस पी महाविद्यालय प्रांगण में आयोजित होने वाले 09 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ शनिवार को भव्य मंगल कलश साथ किया गया। शाम 7 बजे से 10 बजे तक प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन शान्ति कुंज हरिद्वार से आये आचार्य गौरीश पांडेय के मृदुल स्वर से किया गया।सर्वप्रथम प्रथम आदिशक्ति जगत जननी विंध्यवासिनी का जैकारी के साथ प्रज्ञा पुराण का महिमा का बखान करते हुए गायत्री रूपी गंगा में श्रोताओं को डुबकी लगावा। उन्होंने पहले दिन के कथा में बताया कि मनुष्य इस धरा पर सिर्फ मानव शरीर में पैदा होता है यहाँ आने के बाद भगवान से किये गए वादे को भुला कर जाती पाती ,अपना पराया के मोह माया में फस जाता है।उन्होंने कहा कि मनुष्य की चार विसंगति पशुओं से मिलती जुलती है जिससे पशु भी अपने जीवन को सफल मानता है।जबकी मनुष्य का काम है ,परहित सरिस धरम नही भाई,पर पीड़ा नही अधिसम माही। उन्होंने बताया कि मनुष्य का स्वभाव, मर्कट, खच्चर, उष्ट्र जैसा हो गया है।इसी कारण से सुकदेव महाराज गर्भ से बाहर नहीं रहे थे।तमाम अनुनय विनय करने के बाद कई सालों बाद मां के गर्भ से बाहर आये थे।फिर भी मोह बस मनुष्य अपने कर्तव्य का निर्वहन नही कर पा रहा है, अपने पिता को यह जानते हुए की इन्होंने अपने जीवन में बहुत कष्ट कर हमें पाला पोसा होगा,घर गृहस्थी बनाई होगी परन्तु बुजर्ग अवस्था में पिता का खाट बाहर निकाल देता है।इस दौरान प्रज्ञा पुराण में सम्मिलित होने के लिए उत्साहित नारी शक्ति शाम7 बजे से ही यज्ञ स्थल पर उपास्थित होने लगी। शांतिकुंज से आई विद्वत् टोली ने वैदिक कथाओं से लोगों को भगवत भजन संध्या के माध्यम से बीच बीच गायत्री माता रूपी गंगा में डुबकियां लगवाते रहे।शाम के मुख्य यजमान संजय सिंह सह पत्नी गायत्री माता का पूजन अर्चन किया।ततपश्चात आचार्य गौरीश पांडेय कथावाचक का माल्यार्पण कर स्वागत किया।गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य संरक्षक बासुदेव यादव तथा वंश नारायण लालता प्रसाद ने बताया कि आज से 12 अप्रैल तक प्रतिदिन प्रातः 7 बजे एक बजे अपराह्न तक गायत्री महायज्ञ एवं विविध संस्कार तथा सायं 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक संगीतमय कथा,प्रवचन एवं आरती का आयोजन किया जाएगा ।तथा 12 अप्रैल को यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद भव्य भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा। कथा के समय क्षेत्र के सम्भ्रांत जन में चिंतामणि मिश्र, रमाकान्त मिश्र, पारस नाथ सिंह, डॉ प्रसन्न पटेल, संदीप मौर्य विजय पटेल, संजय सिंह, शशिकांत मिश्र, ऋषिकेश, उत्कर्ष मिश्र आदि उपस्थित रहे।