अपने दुर्दशा पर आशु बहता करकी माईनर।

अपने दुर्दशा पर आशु बहता करकी माईनर।
करमा,सोनभद्र (विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)
स्थानीय विकास खण्ड स्थित करकी माईनर अपने दुर्दशा पर आशु बहता हुआ।अपने आप कोश रहा है। सम्बन्धित को जन समस्याओं का कोई पुरुसाहाल नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण आम नागरिक सरकारी मशीनरियों को कोश रहें हैं। मालूम हो कि करकी माईनर पापी, बदेवा व ग्राम पंचायत करकी भी शामिल है जिसके समूचे वार्डों में इन दिनों चहुंओर गंदगी और जल जमाव की समस्याओं से आम नागरिकों को जुझना पड़ रहा है। यहां की मुख्य सड़क की दोनों पटरियों पर प्रायः गंदगी और जल जमाव देखा जा सकता है। माइनर घास पुस से जंगल बनी हुई है।रात में अनजान व्यक्ति कभी भी इसका शिकार हो सकता है।राजनाथ सिंह,लाल , बेचन,सियाराम आदि की मानें तो लाखों रुपए की सफाई हर साल कागज पर की जाती है परन्तु हकीकत माइनर की घास पुस,बड़े बड़े पेड़ बता रहे हैं।इतना ही नहीं कस्बे में खड़ंजा, नाली,गली और हैण्ड पम्पों की स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है। कसया,करकी का तालाबों के सुंदरीकरण व पौधरोपण दूर तक नहीं दिखाई देता। और तो और इस करकी माईनर की बढ़ती आबादी हेतु यहां कोई भी सार्वजनिक सुलभ शौचालय एवं मूत्रालय की व्यवस्था नहीं है जिसके कारण व्यापारियों समेत आम नागरिकों खासकर महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद लगता है सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों को जन समस्याओं के निस्तारण से कोई लेना-देना नहीं रह गया है,सिर्फ खानापूर्ति के अलावा।ऐसी परिस्थिति में स्थानीय बुद्धि जीवी वर्ग का कहना है कि सभी जन कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। निदान न समाधान ऐसे में जनता हो गई है परेशान।ऐसी दशा में नागरिकों ने शासन -प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है। लोगों का कहना है कि समय रहते कैनाल विभाग ध्यान नहीं दिया तो कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।


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