
*SIRऔर 130वें संविधान संशोधन विधेयक के विरोध में भाकपा का कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन*
*SIRऔर 130वें संविधान संशोधन विधेयक के विरोध में भाकपा का कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन*
•-नगवां बांध विस्थापितों को न्याय व कैमूर आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना की भी उठी मांग
गुरमा, सोनभद्र (अवधेश कुमार गुप्ता)
सोनभद्र।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने सोमवार को जिला मुख्यालय सोनभद्र में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने SIR (विशेष पुनरीक्षण) और 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकतंत्र और संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए इन्हें वापस लेने की मांग उठाई। इसके साथ ही नगवां बांध विस्थापितों को न्याय दिलाने और जनपद में कैमूर आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना का मुद्दा भी प्रमुखता से रखा गया।
जिला सचिव कामरेड आर. के. शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता मुख्यालय गेट से नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना दिया। इस दौरान राष्ट्रपति व राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम (नमामि गंगे) को सौंपा गया।
SIR और मतदाता सूची विवाद पर कड़ा रुख भाकपा नेताओं ने कहा कि बिहार में चल रहे विशेष पुनरीक्षण (SIR) से 65 लाख मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से गायब होने की आशंका है। चुनाव आयोग ने आधार और राशन कार्ड जैसे बुनियादी दस्तावेजों को अस्वीकार कर दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें मान्यता प्राप्त दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया है। इससे वोटों में हेराफेरी और लोकतंत्र में फर्जीवाड़े की आशंका और गहरी हो गई है।
*130वां संविधान संशोधन विधेयक संघीय ढांचे पर हमला – भाकपा*
धरने में नेताओं ने कहा कि 130वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत निर्वाचित मुख्यमंत्री और मंत्रियों को केवल 30 दिन जेल में रहने पर बर्खास्त करने का प्रावधान लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार विपक्षी नेताओं को जेल भेजकर लोकतंत्र का गला घोंट रही है, जबकि सत्ता में आते ही उन्हीं नेताओं को क्लीनचिट दे देती है।
*नगवां बांध विस्थापितों का दर्द विरोध*
प्रदर्शन में नगवां बांध के विस्थापितों का मुद्दा भी गूंजा। नेताओं ने कहा कि 80 के दशक में बांध विस्तार के दौरान नौ गांवों की हजारों की आबादी अब तक विस्थापन का दंश झेल रही है। विस्थापित जिस जमीन पर जीवनयापन कर रहे हैं, वहां से वन विभाग उन्हें बेदखल करने की कोशिश कर रहा है। भाकपा ने मांग की कि विस्थापितों को खेती की जमीन, पुनर्वास की सुविधा और सरकारी योजनाओं का लाभ तत्काल दिया जाए।
*शिक्षा और स्वास्थ्य की मांग*
धरना स्थल पर भाकपा नेताओं ने कहा कि जनपद में उच्च शिक्षा के लिए कैमूर आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना आवश्यक है। साथ ही ट्रामा सेंटर, जिसे वर्षों पहले बनाया गया, उसे तत्काल चालू कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करायी जाए।
*कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी*
इस मौके पर वरिष्ठ कॉमरेड चन्दन प्रसाद, अमरनाथ सूर्य, प्रेम चंद्र गुप्ता, देव कुमार विश्वकर्मा, राम जनम मौर्या, भुनेश्वर प्रसाद, सुरज वंसल, ज्योति रावत, गुलाब प्रसाद, नंदू गुर्जर, रामपति बिंद, नागेन्द्र कुमार, कांता प्रसाद, सरोज, श्रीदेवी, सबिता देवी, मोहम्मद मुस्तफा, कतवारू, बाबू लाल चेरो. बधवंत. शंकर भारती सहित सैकडों कार्यकर्ता मौजूद रहे।











