*हिन्दी हमें जोड़ती है और भावनाओं को अभिव्यक्ति देती है*

*हिन्दी हमें जोड़ती है और भावनाओं को अभिव्यक्ति देती है*

बीजपुर/सोनभद्र (संदीप राय)

हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, यह हमारी पहचान, संस्कृति और परंपरा का सार है। यह हमें जोड़ती है और भावनाओं की अभिव्यक्ति देती है। उक्त विचार अनिल श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक, एनटीपीसी रिहंद ने हिन्दी पखवाड़ा के उद्घाटन समारोह के दौरान व्यक्त किए।भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग तथा एनटीपीसी केंद्रीय कार्यालय से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुपालन में एनटीपीसी रिहंद परियोजना में 14 से 29 सितंबर तक हिन्दी दिवस और पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसके पूर्व मुख्य अतिथि अनिल श्रीवास्तव कार्यकारी निदेशक का उप महाप्रबंधक (विधि) ने पुस्तक देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर सभी से अपील करते हुए कहा कि विद्युत उत्पादन के मूल लक्ष्य के साथ ही हम सभी को हिन्दी प्रयोग का संकल्प लेना होगा। हमारी परियोजना भाषायी वर्गीकरण के अनुसार ‘क’क्षेत्र में आती है। अतः हमारा दायित्व है कि हम अपने कार्यालयीन कार्य में अधिकतम हिन्दी का ही प्रयोग करें। नियमों के अनुसार पत्राचार आदि में हिन्दी तथा आवश्यकतानुसार द्विभाषी रूप में पत्राचार करें। परियोजना से जुड़े हमारी सहयोगी संस्थाओं के लोग हिन्दी भाषा का ही उपयोग करते हैं। हमें जनमानस की भावनाओं के अनुरूप अपनी कार्य-संस्कृति और संवाद को विकसित करना होगा। हिन्दी में दूसरी भाषाओं को ग्रहण करने की क्षमता है, इसलिए हमें दूसरी भाषाओं के प्रचलित शब्दों को अपनाते हुए हिन्दी को समृद्ध करना है। उन्होने उपस्थित लोगों से पखवाड़े के दौरान आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने को भी कहा। तत्पश्चात परियोजना प्रमुख ने सभी उपस्थित लोगों को राजभाषा प्रतिज्ञा दिलवाई तथा हिन्दी दिवस के अवसर पर अपना संदेश भी जारी किया। प्रबंधक (राजभाषा) ने सभी उपस्थितजनों का स्वागत करते हुए पखवाड़े के दौरान आयोजित की जा रही गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। समारोह में मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), महाप्रबंधक (अनुरक्षण एवं एडीएम), मुख्य चिकित्साधिकारी, मानव संसाधन प्रमुख सहित अनेक विभागाध्यक्षगण,अधिकारीगण तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे। बैठक की कार्यवाही का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधक (राजभाषा) ने किया ।


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