
*थार सवार शिकारियों के मंसूबों पर फिरा पानी।*
*थार सवार शिकारियों के मंसूबों पर फिरा पानी।*
*चन्दौली अविनाश तिवारी ब्यूरो*
*रात के अंधेरे में खुद को ताकतवर समझने वाले रसूखदार शिकारियों की हर ‘घुड़की’ को वन विभाग ने किया नाकाम।*
नौगढ़ (चंदौली)। जनपद चन्दौली के तहसील नौगढ़ अन्तर्गत काशी वन्यजीव प्रभाग के जयमोहनी रेंज में बुधवार की रात वन विभाग की मुस्तैदी ने वन्यजीव तस्करों और शिकारियों के एक दुस्साहसी प्रयास को नाकाम कर दिया। गहिला के घने जंगलों में लग्जरी गाड़ियों से पहुंचे शिकारियों ने फायरिंग कर दहशत फैलाने और वन्यजीवों के शिकार की कोशिश की, लेकिन घेराबंदी कर वन विभाग ने एक थार जीप और विदेशी हथियार बरामद कर लिए।
फायरिंग की आवाज और रेंजर का एक्शन
घटना रात करीब 11:55 बजे की है, जब सेंचुरी क्षेत्र के धौठवा बीट में गोलियों की आवाज गूंजी। रेंजर अमित श्रीवास्तव ने तत्काल सूचना मिलते ही पूरी टीम को अलर्ट किया और जंगल के निकास मार्गों पर मोर्चाबंदी कर दी। शिकारीगंज-16 के संवेदनशील क्षेत्र में टीम ने दो संदिग्ध वाहनों को आते देखा।वन कर्मियों ने जब थार जीप (संख्या JH10BW6386) को रुकने का इशारा किया, तो चालक ने भागने का प्रयास किया। लंबी घेराबंदी के बाद थार को तो दबोच लिया गया, किंतु एक अन्य वाहन अंधेरे और दुर्गम रास्तों का लाभ उठाकर फरार हो गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार,तलाशी के दौरान बरामद सामान: इटली निर्मित 12 बोर की डबल बैरल बंदूक।
खून से सनी बड़ी छुरी और संदिग्ध मांस (करीब 1 किलो)।
जिंदा कारतूस, खाली खोखे, टॉर्च और शराब की बोतलें।
वन विभाग को अंदेशा है कि फरार हुई दूसरी गाड़ी में ही मुख्य शिकारी और शिकार किए गए जानवर का अधिकांश हिस्सा मौजूद है। बरामद मांस को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है ताकि जानवर की प्रजाति की पुष्टि हो सके।
आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 27, 29, 50, 51 और भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 व 52(क) के तहत कठोर कार्रवाई की गई है। जब्त वाहन को राज्य सरकार के पक्ष में अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू है।











