
*चकबंदी के दौरान पुश्तैनी जमीन को घोषित किया बंजर*,
*चकबंदी के दौरान पुश्तैनी जमीन को घोषित किया बंजर*,
•-ग्रामीणों की जमीन को जबरदस्ती हड़पने की कोशिश
•-ओबीसी मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी धर्मराज विश्वकर्मा ने उठाई आवाज़
इंडिया न्यूज़ लाईव टीवी
मिर्जापुर।विकासखंड हलिया की ग्राम सभा सोठिया कला एवं डोहर के सैकड़ों ग्रामीण इन दिनों गम्भीर संकट से गुजर रहे हैं। चकबंदी विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई में ग्रामीणों की पीढ़ियों से चली आ रही पुश्तैनी भूमि और मकानों को “झाड़ी” घोषित कर निरस्त करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है।इस कार्रवाई से ग्रामीणों का आशियाना ही नहीं बल्कि उनका एकमात्र आजीविका साधन भी छिनने की कगार पर है। लगभग 100 परिवारों के 500 से 700 लोग इस निर्णय से प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह निर्णय लागू हो गया तो वे न केवल बेघर हो जाएंगे बल्कि पलायन और आत्महत्या जैसी भयावह परिस्थितियों के लिए विवश हो सकते हैं।ग्रामीणों की सामूहिक पीड़ा को देखते हुए ओबीसी मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी धर्मराज विश्वकर्मा ने आगे बढ़कर इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है।
उन्होंने मा. सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल को पत्र लिखकर मांग की है कि —चकबंदी विभाग को निर्देशित किया जाए कि वर्तमान खतौनी को आधार मानकर ही चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए।
यदि यह संभव न हो तो संपूर्ण चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।ग्रामीणों की पुश्तैनी कृषि भूमि एवं आवासीय परिसरों पर उनका वैध स्वामित्व अधिकार सुनिश्चित किया जाए।धर्मराज विश्वकर्मा ने कहा कि यह केवल ज़मीन या मकानों की लड़ाई नहीं, बल्कि ग्रामीणों के जीवन, आजीविका और भविष्य की लड़ाई है। उन्होंने आगे यह भी अनुरोध किया है कि माननीय श्री हंसराज विश्वकर्मा इस गम्भीर समस्या को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संज्ञान में अवश्य लाएँ, ताकि न्याय मिल सके और ग्रामीणों का भविष्य सुरक्षित रह सके।ग्रामीणों के सामूहिक हस्ताक्षर सहित अभिलेख और निरस्तीकरण से जुड़े दस्तावेज भी पत्र के साथ संलग्न किए गए हैं।
ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि सरकार उनकी पुश्तैनी ज़मीन और आशियाने की रक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठाएगी।