
कसया की हरिजन बस्ती में चलना हुआ दुश्वार। गलियों का हाल बेहाल।
कसया की हरिजन बस्ती में चलना हुआ दुश्वार।
गलियों का हाल बेहाल।
करमा,सोनभद्र (विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)
स्थानीय विकास खंड करमा स्थित कसया गाँव की गलियाँ अपने दुर्दशा पर आशु बहता हुए अपने आप को कोश रही है। सम्बन्धित ग्राम प्रधान नागेंदर सिंह मौर्य को इस समस्या से बने अनजान।उनसे जन समस्याओं का कोई पुरुसाहाल नहीं है। जिसके कारण आम नागरिक सरकारी मशीनरियों को कोश रहें हैं। कसया गाँव समूचे गलियों में इन दिनों चहुंओर गंदगी और जल जमाव की समस्याओं से आम नागरिकों को जुझना पड़ रहा है। यहां की गलियों में प्रायः गंदगी और जल जमाव देखा जा सकता है। ।यहाँ के रहनवासी गुलाब भारती, कल्लू ,बच्चा भारती, सुमेर भारती,अमितेश, व वार्ड्स सदस्य राम रक्षा सहित आदि की मानें तो लाखों रुपए के काम हर साल कागज पर की जाती है परन्तु हकीकत यहाँ के गलियाँ खुद बयां कर रही है।इतना ही नहीं कस्बे में खड़ंजा, नाली,गली और हैण्ड पम्पों की स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है। इस गाँव, के तालाबों के सुंदरीकरण व पौधरोपण दूर तक नहीं दिखाई देता। इसके बावजूद लगता है सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों को जन समस्याओं के निस्तारण से कोई लेना-देना नहीं रह गया है,सिर्फ खानापूर्ति के अलावा।ऐसी परिस्थिति में स्थानीय बुद्धि जीवी वर्ग का कहना है कि सभी जन कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। निदान व समाधान नहीं होने से जनता हो गई है परेशान।ऐसी दशा में नागरिकों ने शासन -प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है।