जे एस पी महाविद्यालय में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती धूमधाम से मनाया गया

जे एस पी महाविद्यालय में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती धूमधाम से मनाया गया

करमा,सोनभद्र (विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)
विकासखंड के अंतर्गत जे एस पी महाविद्यालय कसया कला सोनभद्र में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनकारियों में देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश की भलाई के लिए कई आंदोलनों में भाग लेकर देश के नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे मे जानकारी दिया । गुजरात के नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बाँध के सामने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनी हुई है जो सरदार बल्लभ भाई पटेल जी को समर्पित हैं। विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है जिसे 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल को समर्पित किया गया जो देश के इतिहास में उनके द्वारा राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने के योगदान के प्रति समर्पण को दर्शाता हैं। सरदार बल्लभ भाई पटेल आईटीआई कसया कला के प्रांगण में उनकी 150 वीं जयंती मनाया गया। महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने हाथों में पुष्प समर्पण कर याद किया और नारे भी लगाए। उसके पश्चात महाविद्यालय के उप प्रबन्धक ममता सिंह संस्थापक बाबू पारस नाथ सिंह और चिफप्राक्टर डॉ रतन लाल सिंह के साथ सभी संस्था के अध्यापक गणों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन किया । छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए इन्द्र प्रताप बीटीसी कॉलेज के अधीक्षक जी एम सिंह (गवर्नमेंट सिंह) ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के साथ ही पाकिस्तान का विभाजन और देश की छोटी बड़ी रियासतें भी स्वतंत्र होकर अलग होने की कोशिश कर रही थी जिसे देश के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल जी ने रियासतों को एकता के सूत्र में पिरो कर अखण्ड भारत का निर्माण किया। झवेर भाई पटेल
सन्तान के रूप मे जन्मे बल्लभ भाई पटेल ने हमेशा ब्रिटिश सरकार और इसके कठोर कानूनों का विरोध किया। महात्मा गांधी के विचार धाराओं और सरकार के प्रति घृणा ने उन्हे आजादी के लिए भारतीय संघर्ष में गोता लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने किसानों से करो का भुगतान करने के लिए मन किया क्योंकि सरकार ने खेड़ा बाढ के बाद उनसे करो की माँग की थी। उनके पास अच्छे नेतृत्व के गुण थे, उन्होंने कई आंदोलनों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था इसलिए उन्हें सरदार की उपाधि से नवाजा गया। 1991 में मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जयप्रकाश वर्मा कार्यालय अधीक्षक जे एस पी महाविद्यालय , अनुराग सरोज, डॉ प्रकाश कुमार, राजकुमार, प्रतिष्ठा जायसवाल, राजमन, सरोज गौड़, समलावती, संध्या, श्वेता, सहित सभी संस्थान से अध्यापक, अध्यापिकाएं और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles