समरसता की क्रांति श्री राम सेवा समिति ने तोड़ी अमीर-गरीब की दीवार

समरसता की क्रांति श्री राम सेवा समिति ने तोड़ी अमीर-गरीब की दीवार

सोनभद्र( विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)

ओबरा /उत्तर प्रदेश आज के आधुनिक समाज में जहाँ आर्थिक असमानता की खाई लगातार चौड़ी होती जा रही है, वहीं सोनभद्र के ओबरा से श्री राम सेवा समिति ने समरसता और सामाजिक एकता का एक प्रेरणादायक और अद्भुत संदेश पूरे देश को दिया है। समिति ने अपनी अनूठी पहल से अमीर और गरीब के बीच की हर दीवार को ध्वस्त कर दिया है, जिसके तहत सभी वर्ग के लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर प्रभु का प्रसाद (भोजन) ग्रहण करते हैं। यह कार्य केवल भोजन वितरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवा और आध्यात्मिकता के मार्ग पर सभी मनुष्यों की समानता का जीवंत प्रमाण बन गया है। समिति के संस्थापक और अध्यक्ष, पत्रकार अजीत प्रताप सिंह के प्रेरणादायक नेतृत्व में, यह सेवा समर्पण का 14वाँ शनिवार सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस विशेष कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु असहायों और जरूरतमंदों को भरपेट पौष्टिक भोजन कराना रहा। अजीत प्रताप सिंह ने जोर देकर कहा कि समिति का प्राथमिक लक्ष्य उन भूखे और असहाय व्यक्तियों को पोषण प्रदान करना है, जिन्हें समाज में अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। उन्होंने कहा, सच्ची सेवा वही है जो बिना किसी प्रतिफल की अपेक्षा के केवल मानव कल्याण के उद्देश्य से की जाए। हमारा लक्ष्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है, जहाँ कोई भी व्यक्ति भूख और अभाव से पीड़ित न हो। श्री राम सेवा समिति की सेवा भावना केवल भोजन कराने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और पर्यावरणीय स्वच्छता की ओर भी एक कदम बढ़ाती है। समिति के सदस्य, अध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह के साथ, भोजन वितरण के बाद सड़कों और रास्तों पर पड़े जूठे दोने-पत्तल और चम्मचों की सफाई करते हैं। यह कार्य दिखाता है कि उनका समर्पण केवल मानव सेवा तक ही नहीं, बल्कि अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के प्रति भी है। यह निस्वार्थ सफाई अभियान सेवा समर्पण के उनके भाव को और भी अधिक मजबूत करता है और यह सिद्ध करता है कि सच्ची सेवा बहुआयामी होती है।समिति की सबसे प्रशंसनीय पहल सभी को एक साथ बैठाकर भोजन कराना है। यह कदम एक सशक्त संदेश देता है कि भोजन और प्रभु के प्रसाद के सामने सभी मनुष्य समान हैं। इस पहल ने सिद्ध कर दिया है कि मानवीय मूल्य और करुणा ही समाज की वास्तविक पूंजी हैं। स्थानीय निवासियों ने समिति के इस कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा, समिति का यह कार्य न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी है, बल्कि मानवीय मूल्यों और करुणा का जीवंत उदाहरण है, जो सच्ची सेवा की मिसाल कायम करता है। इस महान मिशन को सफल बनाने में अध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह के साथ एक समर्पित और

निस्वार्थ टीम जुटी हुई है। इस टीम में उपाध्यक्ष पुष्पा दुबे और कोषाध्यक्ष रीता कुमारी,तथा संरक्षक सर्वेश दुबे, ओम प्रकाश सिंह, बाबू राम सिंह,और सदस्य दीपक माली, विनोद तिवारी, दीपक पांडेय, अनिल गुप्ता शामिल हैं। इन सभी सदस्यों का अथक प्रयास और निस्वार्थ सेवा भाव इस मानवीय कार्य को प्रतिदिन नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।श्री राम सेवा समिति का यह कदम पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है कि हम सभी मिलकर एक समावेशी और समतामूलक समाज का निर्माण करें, जहाँ हर जरूरतमंद को सम्मान, सहयोग और भरपेट भोजन मिले।


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