जितिया व्रत के लिए फल फूलों की सजी दुकानों पर खरीददारी करते लोग।

जितिया व्रत के लिए फल फूलों की सजी दुकानों पर खरीददारी करते लोग।
करमा,सोनभद्र (विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)
भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि पर मनाए जाने वाला जितिया व्रत कल यानी रविवार को मनाया जाएगा आज शनिवार को नहाए खाए कर प्रति महिलाएं पूरे दिन उपवास करेंगी। मान्यता है कि यह कठिन व्रत माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु ,उत्तम स्वास्थ्य और सलामती के लिए करती हैं यह व्रत हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी से नवमी तिथि तक चलता है ।नवमी तिथि को सुबह पूजा कर माताएं पारण करती हैं ।
प्रचलित कथा के अनुसार जीमूत वाहन नामक एक राजा ने एक स्त्री के पुत्र को बचाने के लिए स्वयं गरुण देव को भोजन के रूप में प्रस्तुत कर दिया था तब उसकी यह निस्वार्थ भावना देखकर गरुड़ प्रसन्न हो गए और उन्हें बैकुंठ जाने का आशीर्वाद दे दिया साथ ही साथ उन्होंने अन्य बच्चों को भी पुनर्जीवित कर दिया। तभी से यह परंपरा प्रारंभ हुई और माताएं अपने बच्चों की सुरक्षा दीर्घायु के लिए जीमूत वाहन देवता की आराधना करते हुए उपवास रखती हैं इसके साथ ही चील और सियारिन की भी प्रतिमाएं बनाकर पूजा की जाती हैं।


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