तीन साल में पूरा होगा चुनार से चोपन रेल मार्ग के दोहरी करण का काम शुरू
तीन साल में पूरा होगा चुनार से चोपन रेल मार्ग के दोहरी करण का काम शुरु
*जनहित को देखते हुए बन्द रेलवे क्रासिंग खोलने की मांग
सोनभद्र (विनोद मिश्रा /सेराज अहमद )
करमा /चुनार से चोपन तक एक सौ तीन किलोमीटर लम्बे रेल पटरी के दोहरी करण का कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए छत्तीसगढ़ की झंझरिया निर्माण लिमिटेड कंपनी (जे एन एल) को जिम्मेदारी दी गई है, सर्वे कार्य कर रहे कम्पनी के डी पी एम सोनू कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जायेगा, चुनार से चोपन तक 103 किलोमीटर में छोटे बड़े कई पूल बनाया जाना है, मिट्टी के कार्य के साथ ही पहाडो़ं को काटने का कार्य किया जाना है,सोनू कुमार ने बताया कि रेलवे विभाग अपना कार्य बहुत ही समयबद्धता के साथ करता है, निर्धारित समय में कार्य को पूरा करना मुख्य लक्ष्य होता है जिसे ध्यान में रखकर निर्माण कार्य किया जाना है, रेलवे क्रासिंग नहीं होने से दोहरीकरण के बाद आम जन जीवन में बढ़ने वाली सम्भावित कठिनाइयों के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि बन्द कर दिए गए रेलवे क्रासिंग को फिर से खोलने या नये रेलवे क्रासिंग बनाये जाने का निर्णय जन हित को देखते हुए रेलवे विभाग की उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा दोहरी करण के बाद लिया जाता है, स्थानीय स्तर पर आम जन मानस के हितों को ध्यान में रखते हुए जहाँ जैसी आवश्यकता होती है पूल या रेलवे क्रासिंग बनाये जाते हैं,
एक सौ तीन किलोमीटर लम्बे चुनार से चोपन रेल मार्ग के दोहरी करण के बाद रेलवे लाइन के दोनों तरफ बसे ऐसे गाँव जहाँ क्रासिंग की सुविधा होनी चाहिए थी या कुछ साल पहले बन्द कर दिया गया है वहाँ लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतें बढ़ने वाली है, करमा स्थित घोरावल नहर पर बने
रेलवे क्रासिंग को आठ साल पहले बन्द कर दिए जाने से बीस गाँव की जनता प्रभावित है, करमा बाजार पहुंचने के लिए पन्द्रह किलोमीटर का चक्कर लगाने पड़ रहें हैं, सबसे बड़ी दिक्कत बच्चों को स्कूल जाने के साथ ही बैंक, सहकारी समिति, ब्लॉक, थाना ,पोस्ट आफिस, तहसील, हास्पिटल, पेट्रोल पंप आने जाने के लिए घोरावल नहर की क्रासिंग से आना जाना हुआ करता था जो अब बन्द कर दिया गया है,
जिससे काफी परेशानी हो रही है, दोहरी करण के बाद तो सबका पैदल आना जाना बंद हो जायेगा, छात्र छात्राओं को तो पैदल दोहरी रेलवे लाइन पार करते हुए स्कूल आना जाना सबसे अधिक खतरनाक साबित होगा, लोगों को विश्वास है कि चुनार से चोपन तक एक सौ तीन किलोमीटर लम्बे रेल मार्ग के दोहरी करण के साथ ही बन्द पड़े रेलवे क्रासिंग को खोल दिया जायेगा!