
*आदिवासी ही मूल निवासी, जल, जंगल ,जमीन आदिवासियों की पहचान – संजीव सिंह गोंड़*
*आदिवासी ही मूल निवासी, जल, जंगल ,जमीन आदिवासियों की पहचान – संजीव सिंह गोंड़*
•- आदिवासियों की चौमुखी विकास के लिए सौंपा समाज कल्याण राज्य मंत्री को 8 सूत्रीय मांग पत्र
गुरमा, सोनभद्र (अवधेश कुमार गुप्ता)
रावर्ट्सगंज विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सलखन मुख्य बाजार स्थित आदिवासी छात्रावास प्रांगण में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शंकर प्रसाद गोंड़ एवं शिवनाथ प्रसाद गोंड़ तथा द्वितीय विश्व युद्ध सेनानी मेवालाल पनिका के स्मृति में विशाल विश्व आदिवासी दिवस समारोह शनिवार को अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत वीरांगना महारानी दुर्गावती स्मारक सेवा समिति सलखन के सौजन्य से सकुशल संपन्न हुआ। इस बावत मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि बतौर समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड़ का स्वागत कर मंच पर सर्वप्रथम बड़ा देव का पूजा- अर्चना कर वीरांगना दुर्गावती, बिरसा मुंडा तथा स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के फोटो पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर माल्यार्पण किया गया तथा आदिवासियों की चौमुखी विकास को लेकर एक 8 सूत्रीय मांग पत्र मुख्य अतिथि को सौंपा गया। मुख्य अतिथि समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड ने कहा कि 1984 से आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है आदिवासियों का पूरा नाम मूल निवासी कहा जाता है। जल,जंगल, जमीन हमारे आदिवासियों की पहचान है। उन्होंने 50 आदिवासी बच्चों के लिए छात्रावास की प्रस्ताव, दोनों तालाबों पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शिव प्रसाद गोंड एवं शंकर प्रसाद गोंड की मूर्ति की स्थापना करने के साथ ही एक बालिका इंटर कालेज की निर्माण की बात कहे। कार्यक्रम में
प्रधानाचार्य आरडी सिंह खरवार ने आदिवासियों के बारे में बहुत कुछ बताएं और कहा कि आदिवासी विकास के अभाव में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। आजाद पार्टी के जिला अध्यक्ष रविकांत आजाद ने कहा कि आदिवासियों की विरासत को बचाने के लिए जल, जंगल, जमीन की लड़ाई नहीं लड पा रहे हैं। यह जंगल बचाने के लिए हमें एकजुट होकर सहमत नहीं हुए तो अपने हक को नहीं पा पाएंगे। आदिवासियों के नाम फर्जी आदिवासी की सर्टिफिकेट लेकर आदिवासी की जमीन फर्जी बैनामा करा रहे हैं।
पूर्व प्रधान पटवध चुनमुन तथा गुलाब चंन्द्रा इत्यादि लोगों ने मंच के माध्यम से मुख्य अतिथि समाज कल्याण मंत्री संजीव कुमार गोंड से आदिवासियो के चहुमुखी विकास के लिए एक 8 सूत्रीय मांग पत्र में सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस को राष्ट्रीय अवकाश व राष्ट्रीय पर्व में शामिल कराया जाय। वर्षो पहले आदिवासियों का मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होता था लेकिन अब सामान्य निवास पत्र जारी होता है जो आदिवासियों के साथ अन्याय है। भारतीय संविधान में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के लिए, वनाधिकार कानून अक्षरशः पालन करने के लिए आदिवासियों के वनभूमि पर निर्गत किया जाये। आदिवासी वीर सपूतो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम से स्कूल भवन सड़क चौराहों का नामकरण प्रतिमा लगाया जाये। सलखन के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शंकर प्रसाद गोड द्वारा अनुदानित भूमि पर बंद छात्रावास पुनः चालू कराया जाय। प्रदेश में चल रहे आदिवासी विद्यालयो, छात्रावासों में आदिवासी समुदाय के शिक्षक, शिक्षिका नियुक्त किया जाये। इस अवसर पर ग्राम प्रधान प्रतिमा सिंह गोंड, बेलछ ग्राम प्रधान श्याम नारायण, दीपक केसरी, प्रहलाद सिंह गोंड आयम,अमरेंद्र कुमार, रामनारायण उर्फ रामू गोंड, शंभू सिह गोंड, अरविंद सिंह गोंड, कोमल सिंह गोंड समेत तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री राम टेकाम ने किया।