
*देवघाट, नौगढ़ में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर भव्य समारोह: ‘आदि कवि’ के आदर्शों पर चलने का आह्वान*
*देवघाट, नौगढ़ में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर भव्य समारोह: ‘आदि कवि’ के आदर्शों पर चलने का आह्वान*
*अविनाश तिवारी चन्दौली ब्यूरो*
नौगढ़/देवघाट में आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती (प्रकट दिवस) के अवसर पर देवघाट में एक भव्य और गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि के कृतित्व और उनके महाकाव्य ‘रामायण’ में निहित उच्च मानवीय मूल्यों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
*मुख्य आकर्षण और अतिथिगण*
कार्यक्रम की अध्यक्षता नीलम ओहरी ने की, जिन्होंने अपने संबोधन में महर्षि वाल्मीकि के जीवन दर्शन की महत्ता पर प्रकाश डाला।
समारोह में (एसडीएम ) विकास मित्तल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि (सीओ ) नामेंद्र कुमार रावत विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। दोनों प्रशासनिक अधिकारियों ने महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों को सामाजिक न्याय और समरसता के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
*मुख्य वक्ता ने किया मार्गदर्शन*
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता देवेन्द्र साहनी, ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में महर्षि वाल्मीकि के जीवन के क्रांतिकारी परिवर्तन और ‘रामायण’ की रचना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “महर्षि वाल्मीकि का जीवन हमें सिखाता है कि कोई भी व्यक्ति अपने अतीत से बंधा नहीं है, और आत्म-सुधार व दृढ़ संकल्प से कोई भी व्यक्ति महानतम ऊंचाइयों को छू सकता है।” श्री साहनी ने महर्षि को संस्कृत का ‘आदि कवि’ बताते हुए उनके साहित्यिक योगदान को अमर बताया।
*आयोजन और संचालन*
पूरे कार्यक्रम का कुशल संचालन कृष्ण कुमार जायसवाल ने किया, जिन्होंने अपने सधे हुए अंदाज़ में विभिन्न सत्रों को जोड़ा और महर्षि के दोहों व प्रसंगों को सुनाकर माहौल को भक्तिमय बनाए रखा।
इस पूरे समारोह के सफल संयोजन की जिम्मेदारी दिवाकर मिश्र ने संभाली, जिनकी देखरेख में जयंती समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समारोह में क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, समाज के प्रबुद्धजन और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।