
घाघर नदी पुल पर फिर मंडराया खतरा, पीएसी जवानों ने तोड़ी बैरीकेटिंग
घाघर नदी पुल पर फिर मंडराया खतरा, पीएसी जवानों ने तोड़ी बैरीकेटिंग
•-घाघर नदी का जर्जर पुल फिर खतरे में, डीएम के आदेशों को पीएसी के जवानों ने किया अनदेखा
गुरमा, सोनभद्र (अवधेश कुमार गुप्ता)
सोनभद जनपद के गुरमा मारकुंडी क्षेत्र में स्थित घाघर नदी का जर्जर और क्षतिग्रस्त पुल एक बार फिर खतरे की जद में है। वर्षों से अपनी मरम्मत की बांट जोह रहे इस पुल की खराब हालत की ओर विभिन्न समाचार पत्रों तथा पोर्टल के माध्यम से लगातार खबरें प्रकाशित कर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया था।अंततः डीएम ने संज्ञान लेते हुए पुल पर लोहे की बैरीकेटिंग कराकर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगवायी थी लेकिन अब खुद सरकारी अमले के जवान ही प्रशासनिक आदेशों की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं। रविवार की सुबह गुर्मा में तैनात पीएसी बल के जवानों ने जब पुल पार किया तो गुरमा निवासी हाजी मंसूर खान के घर के सामने लगे लोहे के बेरिकेटिंग को अपने वाहन से जानबूझकर टक्कर मार कर उखाड फेंका। यही नहीं दोपहर में लौटते समय मारकुंडी मीना बाजार निवासी फत्ते मोहम्मद के घर के सामने लगे लोहे के बैरिकेटिंग को भी अपने वाहन से धक्का मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया और पास में ही फेंक दिया। बैरिकेडिंग हटते ही भारी वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है जिससे पहले से कमजोर पुल पर खतरा और बढ़ गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की स्थिति किसी भी समय बड़ी दुर्घटना को न्योता दे सकती है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना तब हुई जब डीएम के सख्त आदेश के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने लोहे के खम्भों से बैरिकेडिंग कर पुल को अवरोधित किया था। इसके बावजूद पीएसी बल के जवानों ने इस आदेश को पूरी तरह से अवहेलना की। इससे साफ जाहिर होता है कि या तो प्रशासनिक तालमेल की कमी है या कुछ विभाग जिला प्रशासन की गंभीरता को ही नजर अंदाज कर रहे हैं। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर गहरा रोष है कि जिन
अधिकारियों की जिम्मेदारी जनहित की रक्षा करना है,वही लोग आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं।आम जनमानस पर संकट के बादल एक बार फिर मड़राने लगे हैं और यदि समय रहते इस मामले मे कार्रवाई नहीं हुई तो पुल पर कोई बड़ा हादसा घटित होने से कदापि इनकार नहीं किया जा सकता है।