
*ग्राम पंचायतों के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में जनपद में एक सकारात्मक पहल-ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (बर्मी कंपोस्ट) बनाकर महिला ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायतों की आय में कर रही हैं वृद्धि
*ग्राम पंचायतों के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में जनपद में एक सकारात्मक पहल-ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (बर्मी कंपोस्ट) बनाकर महिला ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायतों की आय में कर रही हैं वृद्धि
सोनभद्र (विनोद मिश्रा/सेराज अहमद)
जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह एवं मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी के प्रेरणा स्वरूप महिला ग्राम प्रधान, महिला शक्तिकरण, मिशन शक्ति को बढ़ावा देने में ग्राम प्रधानों द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में सराहनीय पहल की गई। ग्राम पंचायतों से तैयार खाद को महिला ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को उपहार स्वरूप भेंट किये, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा संबंधित प्रधान जी लोगों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित भी किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायतों में तैयार किये जा रहे बर्मी कंपोस्ट खाद के सम्बन्ध में जानकारी ली तो जिला पंचायत राज अधिकारी/महिला ग्राम प्रधान द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत बहुआरा (विकास खंड राबर्ट्सगंज), ग्राम पंचायत सलखन (विकास खंड राबर्ट्सगंज) एवं ग्राम पंचायत किरबिल (विकास खंड म्योरपुर) में स्थापित वर्मी केंद्रों से वर्मी खाद का उत्पादन किया जा रहा है, साथ ही साथ 100 ग्राम पंचायतों में बर्मी खाद तैयार कराई जा रही है जिसमें 45 से 60 दिन के अंदर तैयार कर लिया जाएगा, तैयार की गई खाद को वन विभाग ,उद्यान विभाग को बेचा जा रहा है जिससे ग्राम पंचायतों के आत्मनिर्भर बनने के लिए ओ0 एस0 आर0 सृजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत किरबिल से 10 कुंतल, ग्राम पंचायत बहुआरा से 10 कुंतल, ग्राम पंचायत सलखन से 5 कुंतल वर्मी खाद तैयार की गई। इस प्रकार कुल लगभग 25 कुंतल खाद तैयार की गई है, वर्मी खाद का नामकरण सोन बर्मी कंपोस्ट रखा गया है। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायतों से एकत्रित सिंगल यूज प्लास्टिक का सफल प्रबंधन भी किया गया, इस कार्य हेतु अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री डाला के साथ साइन किया गया। इस समझौते के अंतर्गत लगभग 2000 किलो प्लास्टिक एकत्र किया गया, जिसके बदले 5000 रुपए की राशि ग्राम पंचायतों के व्ैत् खाते में जमा की गई’। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि यह कार्यक्रम ग्राम पंचायतों की सक्रियता एवं आत्मनिर्भरता भागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो न केवल स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी हेमन्त कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे l